ध्यानाभ्यास सरल है

ध्यानाभ्यास सरल है

ध्यानाभ्यास सरल है संत राजिन्दर सिंह जी महाराज 30 जून 2020 ध्यानाभ्यास सरल है। महान आध्यात्मिक गुरु, संत कृपाल सिंह जी महाराज, फ़र्माते थे कि यह एक दराज बंद करने और दूसरी खोलने के समान है। ध्यानाभ्यास के समय, हम संसार संबंधी विचारों को और अपनी समस्याओं को एक दराज में...
प्रभु-प्रेम का महासागर

प्रभु-प्रेम का महासागर

प्रभु-प्रेम का महासागर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज 5 मई 2020 जब हम प्रभु के शुद्ध़, शीशे की तरह साफ़, महासागर में तैरते हैं, तो हम अपने सच्चे अस्तित्व या आत्मा का प्रतिबिंब देख पाते हैं। उसे धुंधला करने के लिए कोई मिट्टी या गंदगी नहीं होती है। हम महासागर की गहराई में...
दोनों दुनियाओं का आनंद लेना

दोनों दुनियाओं का आनंद लेना

दोनों दुनियाओं का आनंद लेना संत राजिन्दर सिंह जी महाराज पश्चिमी देशों में कई लोगों को यह गलतफ़हमी है कि जो लोग प्रभु की तलाश करते हैं, उन्हें अपना घर और समाज छोड़ना पड़ता है तथा जंगलों में या पहाड़ों पर जाकर रहना पड़ता है। शायद अतीत में ऐसा संभव होता हो, जब हमारी आर्थिक...
आध्यात्मिक वसंत की साफ़-सफ़ाई

आध्यात्मिक वसंत की साफ़-सफ़ाई

आध्यात्मिक वसंत की साफ़-सफ़ाई संत राजिन्दर सिंह जी महाराज यह वसंत का मौसम है, और सर्दियाँ आख़िरकार विदा हो चुकी हैं। मौसम में थोड़ी गर्मायश आ चुकी है, फूल खिल चुके हैं, और पेड़ हरियाली से भरे हुए हैं। साल के इस समय में, हम ज़्यादातर अपने घरों की साफ़-सफ़ाई करते हैं और लंबी,...
प्रभु की बनाई सृष्टि की सेवा

प्रभु की बनाई सृष्टि की सेवा

प्रभु की बनाई सृष्टि की सेवा संत राजिन्दर सिंह जी महाराज हर शाम एक परिवार रात का भोजन करने के लिए बैठता था और भोजन से पहले प्रभु से प्रार्थना करता था। प्रार्थना के अंत में पिता हमेशा प्रभु से निवेदन करता था कि वे अतिथि के रूप में आयें और उसके परिवार के साथ भोजन ग्रहण...